Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2024 · 1 min read

काकसार

फसल कटाई से बोनी तक
काकसार की धूम रहते,
गोत्रपूजा मंगलकामना सहित
जीवनसाथी भी चुनते।

अबूझमाड़ के माड़ियाओं का
ये पर्वत नृत्य महान,
युवक-युवती उन्मुक्त भाव से
करते नाच-गान।

जस-जस रात गहराती जाती
मादकता बढ़ती जाती,
नाच- गान संग प्रीत की धुन
रूह में चढ़ती जाती।

खेती के लिए स्थलों का चुनाव
बैगा सम्पन्न कराते,
बूंदों की बारात के संग – संग
बीज बोनी कर जाते।

वर्षा की फसलों में जब तक
दाने नहीं भर जाते,
अबुझमाड़िया युवक – युवती
जोड़े नहीं बनाते।

(मेरी सप्तम काव्य-कृति : ‘सतरंगी बस्तर’ से,,)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
बेटी शिक्षा
बेटी शिक्षा
Dr.Archannaa Mishraa
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भीगी बाला से हुआ,
भीगी बाला से हुआ,
sushil sarna
16, खुश रहना चाहिए
16, खुश रहना चाहिए
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
** लगाव नहीं लगाना सखी **
** लगाव नहीं लगाना सखी **
Koमल कुmari
मेरी प्यारी अभिसारी हिंदी......!
मेरी प्यारी अभिसारी हिंदी......!
Neelam Sharma
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
3943.💐 *पूर्णिका* 💐
3943.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धनिया नींबू दाम बढ़ेगा
धनिया नींबू दाम बढ़ेगा
AJAY AMITABH SUMAN
फासलों से
फासलों से
Dr fauzia Naseem shad
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रतन टाटा जी..!!
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुप्रभात
सुप्रभात
*प्रणय*
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
Sanjay ' शून्य'
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
Loading...