क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
ज़मीं से ये उठा तुझको फ़लक छत पर बिठा देंगी/1
जहां झूठा मगर है ज्ञान तो सच्चा ज़रा समझो
कभी उतरो क़िताबों के दिलों में सब बता देंगी/2
आर.एस. ‘प्रीतम’
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
ज़मीं से ये उठा तुझको फ़लक छत पर बिठा देंगी/1
जहां झूठा मगर है ज्ञान तो सच्चा ज़रा समझो
कभी उतरो क़िताबों के दिलों में सब बता देंगी/2
आर.एस. ‘प्रीतम’