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9 Oct 2017 · 1 min read

कहीं मैं खुद को भूल न जाऊं..

कहीं मैं खुद को भूल न जाऊं
खुद से ही अनजान हो जाऊंगा
किया ना था जो काम कभी
काम वो अब ना कर जाऊं
शर्मिंदा तुझे कर नहीं सकता
नजरों में ना खुदकी गिर जाऊं
बस अब मुझसे दूर ही रह
मेरे अश्क मुझे पीने दे
अब बस दिल की दुआ यही
तुम बस रहना सदा सुखी
तू अब मुझसे कभी न मिलना
अपनी राहे खुद ही चुनना
फिर भी आए याद कभी.
पर तुम ना होना कभी दुखी
बस सपना समझ मुझे भुलाना
पर तुम मेरे पास ना आना
कहीं मैं खुद को भूल न जाऊ, खुद की नजरो….
रंजीत घोषी

Language: Hindi
289 Views
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