कहानी कोई भी हो
चांद सी चमक क्षितिज में जाकर भी चमकते रहना।
विपरीत परिस्थितियों में यू ही हरदम दमकते रहना ।।
कोई देखता क्या कभी मुरझाए हुए फूल की तरफ।
खिले हुए फूल की चाह सब चाहते हैं देखना चमक।।
जिंदगी में दुख-सुख, लाभ-हानी सदा यूं ही चलते ।
क्या बहारें किनारा करती है ? यूं ही मौसम के ढलते ।।
जिंदगी इम्तिहान लेती कहर ढहाती है बद से बदतर ।
योद्धा वह नहीं जो डाल देता है युद्ध में अस्त्र शस्त्र ।।
हिम्मत कर दुगनी शक्ति से चिला चढ़ा तु कमान का।
स्पूर्ति के साथ उमंग भर सीना चीर तुआसमान का।।
जिंदगी भी खुद कहे खुशी से जी ले अपनी जिंदगी।
दुख में ही पता लगता अपनों का क्या होती है बंदगी ।।