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6 May 2024 · 1 min read

कहती है नदी

कहती है नदी
कहाँ मैं दूसरों की
प्यास बुझती थी
लोगों के मन को
निर्मल करती थी,
ज्ञान की धारा
प्रवाहित करती थी,
अब, मैं खुद ही
अपना शुद्ध पानी
देखने को तरसती हूँ
आँखों से सूखे
आँसू बरसाती हूँ।

मीरा ठाकुर
आबूधाबी

Language: Hindi
2 Likes · 20 Views
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