Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

“कसौटी”

“कसौटी”
क्या सोते हुए को जगाया आपने,
क्या अन्धेरे में दीया जलाया आपने?
राहें तो है बहुत उलझन से भरी,
क्या भटके को रास्ता दिखाया आपने?

3 Likes · 2 Comments · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
Sunil Maheshwari
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय प्रभात*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
Dhirendra Singh
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
टॉम एंड जेरी
टॉम एंड जेरी
Vedha Singh
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
4385.*पूर्णिका*
4385.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
//••• हिंदी •••//
//••• हिंदी •••//
Chunnu Lal Gupta
आप जो भी हैं।
आप जो भी हैं।
Sonam Puneet Dubey
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अंतरद्वंद
अंतरद्वंद
Happy sunshine Soni
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
सत्य कुमार प्रेमी
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
"मुश्किल है मिलना"
Dr. Kishan tandon kranti
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
कोई भोली समझता है
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
रातों में यूं सुनसान राहें बुला रही थी,
रातों में यूं सुनसान राहें बुला रही थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...