कसरत करते जाओ
पानी,पवन , भोजन है अच्छा,
पर कसरत तो कर्म है सच्चा।
कसरत से भागते है रोग,
तन और मन बनता निरोग।
सजग,जागरूक होना होगा,
सेहत को ना खोना होगा ।
भोजन से तन और मन बनता,
कसरत से भी जीवन खिलता।
यह शरीर ऐसा कहता है ,
चलता जाये तो रहता है ,
पडा रहे तो हो बर्बाद,
सभी जगह खाता है मात,
आधा और दरिद्र न बनना,
मेहनत से सब हासिल करना,
कसरत नही निरर्थक हो ,
उपयोगी हो सार्थक हो ,
कर्म करो यह कसरत है ,
यही कह रही कुदरत है ।
कुछ भी करते जाओ तुम,
उसमें मन को लगाओ तुम।
खेत, खिलाड़ी, कारीगर हो,
जो हो श्रम से तरबतर हो ,
कसरत मे मन भी शामिल हो,
कसरत से सेहत हासिल हो ।