कसम से
खुदा करे मेरे दिल में तुम ऐसे बस जाओ,
आईने के सामने खड़े हो हम नज़र तुम आओ।
शामिल हो जाओ तुम ऐसे मेरी जिंदगानी में,
तुम बिन फिर मेरी जिक्र हीं ना हो मेरी कहानी में।
मेरे सुख का मेरे दुख का बन जाओ किस्सा तुम ऐसे,
जैसे रौशनी सुरज की, चांदनी चांद की हिस्सा हो जैसे।
ना हो तुम जो तो जिंदगी यूं तन्हा हो जायेगी,
जैसे सावन आये और बिन बरसे गुजर जायेगी।
थाम के तेरी बाहें कट जाये सुकून से सफ़र ऐसे,
ना रुकतीं हो दिन के पहर एक के बाद एक जैसे।
एक तेरे होने से दिल को यूं गुमान हो कुछ ऐसे,
बंद मुट्ठी में खुशियां जहां की एहसास हो जैसे।
ना मुझको करना दूर ना होना ना कभी दूर हमसे,
जींदा तो रहेंगे हम पर जी ना पायेंगे कसम से।