कविता
फल फूलों से भरा बसंत हो
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देश में भ्रष्टाचार का अंत हो।
फल फूलों से भरा बसंत हो।।
लुटे नहीं दिन दहाड़े कोई भी।
न ही जगत में नकली संत हो।।
इंसानियत हो फकत इंसान में।
न कोई जाति न कोई पंथ हो।।
हर काम हो शुभ फलदायी।
घरों में सभी के एकदंत हो।।
समर्पित भाव से रहे सदा ही।
जैसे कोई वनिता का कंत हो।।
कवि राजेश पुरोहित
98,पुरोहित कुटी
श्री राम कॉलोनी
भवानीमंडी
जिला-झालावाड़
राजस्थान
पूण-326502