Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Abhishek Yadav
14 Followers
Follow
Report this post
26 May 2021 · 1 min read
कविता
मदद को हाथ हजारों उठे पर,
मददगार का मर्म किसी ने ना जाना।”
~~अभिषेक ~~
Competition:
“बरसात” – काव्य प्रतियोगिता
Language:
Hindi
Tag:
कविता
Like
Share
2 Likes
·
1 Comment
· 368 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
शून्य सा अवशेष मैं....!
पंकज परिंदा
चिरंतन सत्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
"इस तरह"
Dr. Kishan tandon kranti
24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिद्दतों का ख़ुमार है शायद,
Dr fauzia Naseem shad
हाइकु (मैथिली)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अमीर जिन महलों को सपनों का आशियाना कहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
..
*प्रणय*
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
” कभी – कभी “
ज्योति
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
ख्वाहिशें
Arun Prasad
*हथेली पर बन जान ना आए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आजकल किन किन बातों का गम है
Ram Krishan Rastogi
अच्छे करते मेहनत दिन-रात
Acharya Shilak Ram
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
#पितरों की आशीष
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
क्या तुम कभी?
Pratibha Pandey
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
पूर्वार्थ
आत्म विश्लेषण
Bindesh kumar jha
* जीवन रथ **
Dr. P.C. Bisen
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
Phool gufran
दीवाना
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
हार फिर होती नहीं…
मनोज कर्ण
Loading...