Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2020 · 1 min read

कविता

कविता
पलती है
अपने दम पर
सार्थकता से,
उपयोगिता से,
पीढियों के
सरोकार से,
समीक्षा और
तिरस्कार से।
सामाजिक,
आर्थिक,
और नैतिक
मूल्यों के
उपकार से।
और कवि
समझता
है कि
उसने
छंदोबद्ध
किया है,
कविता
को
जन्म
दिया है
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
2 Likes · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
एक उदास चेहरा जितनी नकारात्मकता फैलाता है...
एक उदास चेहरा जितनी नकारात्मकता फैलाता है...
Ajit Kumar "Karn"
मन मसोस
मन मसोस
विनोद सिल्ला
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
शतरंज
शतरंज
भवेश
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
4193💐 *पूर्णिका* 💐
4193💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
🙅आज का अनुभव🙅
🙅आज का अनुभव🙅
*प्रणय प्रभात*
अमीरों का देश
अमीरों का देश
Ram Babu Mandal
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
हरिओम 'कोमल'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
आर.एस. 'प्रीतम'
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
कवि
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
"रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
Loading...