Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2016 · 1 min read

कविता

कोशिश करनी चाहिए
—————————-
हरदम मुस्कराने की कोशिश करनी चाहिए ,
आशा का अमरत पिलाने की कोशिश करनी चाहिए ।
अपने लिए जीना भी जीना तो है जरूर ,
पर औरों को भी जिलाने की कोशिश करनी चाहिए । हरदम……..
हार करके बैठे जाना किसी के लिए मुनासिव नहीं ,
जहर प्याला न पी सके वो कभी भी शिव नहीं ।
भटकों को राह पर लाने की कोशिश करनी चाहिए ।। हरदम……..
जिन्दगी है जो मिली जीभरके जीलें हम सभी ,
जो भी गम हमको मिलें हस – हसके पीलें हम सभी ।
विषम परिस्थितियों में खिलखिलाने की कोशिश करनी चाहिए ।। हरदम …………
प्यार है आधार सबका सब मिलकर बाँट लैं ,
प्यार में रोड़ा जो आये सब मिलकर छाँट लैं ।
प्यार पाने और दिलाने की कोशिश करनी चाहिए ।। हरदम ……..
-:डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज :-

Language: Hindi
501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इतना हमने भी
इतना हमने भी
Dr fauzia Naseem shad
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
Anil chobisa
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अन्न पै दाता की मार
अन्न पै दाता की मार
MSW Sunil SainiCENA
राम राज्य
राम राज्य
Shriyansh Gupta
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
Dr. Man Mohan Krishna
■ चहेतावादी चयनकर्ता।
■ चहेतावादी चयनकर्ता।
*Author प्रणय प्रभात*
कविता
कविता
Shiva Awasthi
नारी सौन्दर्य ने
नारी सौन्दर्य ने
Dr. Kishan tandon kranti
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-537💐
💐प्रेम कौतुक-537💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
' जो मिलना है वह मिलना है '
' जो मिलना है वह मिलना है '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
हंस
हंस
Dr. Seema Varma
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
2706.*पूर्णिका*
2706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
भोर
भोर
Omee Bhargava
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
DrLakshman Jha Parimal
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
...........,,
...........,,
शेखर सिंह
Loading...