Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2020 · 2 min read

कविता

आत्मनिर्भरता
***
अच्छा है,
बच्चे काम
पर जा रहे हैं
अपना भविष्य
खुद बना रहे हैं ।
कुछ सड़क किनारे
बने ढाबों पर
जुठे बर्तन मांज कर,
कुछ कचरे चुन कर
कुछ मजदूरी कर के
कुछ चाय के दुकानों में
ग्लास धो कर और कुछ
फटेहाल भीख मांग कर ।
उनके चेहरों पर है
गजब का आत्म विश्वास ,
क्योंकि उन्हें है एहसास
अपने पैरों पर खड़े होने का।
बेरहम वर्तमान जीवन से संघर्ष का।
देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का।
और सबसे बड़ी बात अपने आप आत्मनिर्भर होने का।
-अजय प्रसाद

आइनों
तुमने तो
ज़रुर सहेज
कर रक्खा होगा
मेरे उम्र के हर
एक पड़ाव को।
रोज़
तुम्हें देख्र कर ही
तो मैंने खुद को
सँवारा है ज़िंदगी में।
-अजय प्रसाद

रिश्तों
में
आने
लगती है
दरार,और
उबाऊ हो
जाता
है
मनुहार ,
जबरन
थोपा
जाता
है
जब
प्यार
-अजय प्रसाद

क्योंकि
मैं पुरुष हूँ
तो
मुझे
हक़ है
स्त्रियों पे
लांछन लगाने का
उन्हें मारने का
उन्हें सताने का
उन्हें हथियाने का
उनके शोषण का
और वो सब करने का
जिससे
उन्हें
नीचा दिखा सकूँ।
कारण
है कि
उनके जैसा
कोई महान
कृत्य
मैं
नहीं कर सकता ।
कोई सुन्दरता
ही नहीं
मुझ में।
मेरे
सारे आविष्कार
मुझे चिढातें हैं।
उनके निस्वार्थ
प्रेम और समर्पण
देखकर ।
तुलना
उनकी की जाती है
धरती,फूल,चांद से
जो मुझे खलतें हैं।
इसलिए तो हम उनसे जलतें हैं
क्योंकि हम उन्हीं के कोंख में पलते हैं।
-अजय प्रसाद

क्या
है
पाप
समझतें
भी हैं आप ?
किसी बच्चे को
जन्म देना और
कहलवाना
खुद को
माँ या बाप !
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राजनैतिक स्वार्थ
राजनैतिक स्वार्थ
Khajan Singh Nain
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
"रक्षाबंधन"
Shashi kala vyas
प्यार एक मीठा अहसास है
प्यार एक मीठा अहसास है
Sumangal Singh Sikarwar
😊 परिहास 😊
😊 परिहास 😊
*प्रणय*
3955.💐 *पूर्णिका* 💐
3955.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
हमें स्वयं के प्रति संदेह करना होगा जीवन की गहराई में उतरना
हमें स्वयं के प्रति संदेह करना होगा जीवन की गहराई में उतरना
Ravikesh Jha
! हिमालय हितैषी !!
! हिमालय हितैषी !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अध्यापक:द कुम्भकार
अध्यापक:द कुम्भकार
Satish Srijan
बातों की कोई उम्र नहीं होती
बातों की कोई उम्र नहीं होती
Meera Thakur
कहीं से निकल जाना
कहीं से निकल जाना
Abhishek Rajhans
A GIRL IN MY LIFE
A GIRL IN MY LIFE
SURYA PRAKASH SHARMA
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
Neeraj Agarwal
कविता-हमने देखा है
कविता-हमने देखा है
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जन्म :
जन्म :
sushil sarna
*भीड़ में चलते रहे हम, भीड़ की रफ्तार से (हिंदी गजल)*
*भीड़ में चलते रहे हम, भीड़ की रफ्तार से (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Adhyatam
Adhyatam
Vipin Jain
यादों का अंतहीन
यादों का अंतहीन
Dr fauzia Naseem shad
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मनुष्य
मनुष्य
OM PRAKASH MEENA
आंखो मे छुपे सपने
आंखो मे छुपे सपने
अमित
अंगूठी
अंगूठी
seema sharma
कर के मजदूरी बचपन निकलता रहा
कर के मजदूरी बचपन निकलता रहा
Dr Archana Gupta
रंग अलग है
रंग अलग है
surenderpal vaidya
तारीफ आपका दिन बना सकती है
तारीफ आपका दिन बना सकती है
शेखर सिंह
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
Loading...