कविता :– होता अगर मेरे पास भाई !!
कविता :– होता अगर मेरे पास भाई !!
होता अगर मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
माँ-बाप की किस्मत का तारा वो होता ,
रात दिन आँखों कि पलको मे सोता ,
मुझे प्यार से वो कहता बहन ,
गुस्से मे आता , मै करती सहन ,
कभी न छिपाती मै उससे सच्चाई ,
अगर होता मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
सपनो कि मंजिल की सीढ़ वो होता,
रात-दिन नये-नये ख्वाबों को संजोता ,
जब आता त्योहार भाई-बहन का ,
राजा बनाती उसे अपने मन का ,
रक्षाबंधन के दिन मै देखू कलाई ,
अगर होता मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
बड़ा हो जब वो पढ़ने को जाता ,
माँ-बाप का जग मे नाम कमाता ,
छूता कभी वो ना गाँजा शराब ,
संगत कभी वो न करता खराब ,
मेरे घर बजती उसकी सहनाई ,
अगर होता मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
सुख-दुःख मे न कभी ईमान खोता ,
दे साथ धर्म का , धर्म को न खोता ,
पढ़ा-लिखा उसे मै इन्जीनियर बनाती ,
पर जो बात उसके दिल को लुभाती ,
उसी बात की मै करती बड़ाई ,
अगर होता मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
“हे ईस ! तू मुझे बता ,
क्यो मुझे तू भाई न दिया ,
क्या अपराध है मेरा भगवन ,
आज न कहता कोई मुझको बहन ,
उम्र भर न आती ये गम की खाई ,
अगर होता मेरे पास भाई !
खुश होते मेरे बापू और माई !!
कवि :- अनुज तिवारी “इन्दवार”