पूछती है कविता
पूछती है
मेरी यह कविता
कि गोमूत पीने की
भारतीय सनातनता
हद से हद
किस काल तक पीछे जाती है?
पीछे जाती भी है कि
आधुनिक काल में जन्म पाकर ही यह
बुढ़ाकर सीधे अथवा डायरेक्ट
परफेक्ट सनातन हो जाती है?
पूछती है
मेरी यह कविता
कि गोमूत पीने की
भारतीय सनातनता
हद से हद
किस काल तक पीछे जाती है?
पीछे जाती भी है कि
आधुनिक काल में जन्म पाकर ही यह
बुढ़ाकर सीधे अथवा डायरेक्ट
परफेक्ट सनातन हो जाती है?