कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
कोशिश कर, हल निकलेगा ,
आज नहीं तो, कल निकलेगा.
अर्जुन के तीर सा सध जा,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा |
मेहनत कर, पौधों को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा |
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फ़ौलाद सा ही बल निकलेगा |
जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को,
गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा |
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा |
गति प्रबल पैरों में भरी,फिर क्यों रहूं दर दर खड़ा,
जब आज मेरे सामने,है रास्ता इतना पड़ा |
जब तक मंजिल न पा सकूं,
तब तक मुझे न विराम है,
सतत चलना हमारा काम है |