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17 Feb 2021 · 1 min read

कल क्या हो जाए …

कल क्या हो जाए,
किसी को नहीं पता ।
आज खुश होकर जी ले,
क्यों किसी से रखें खता ।।

धन दौलत और शौहरत,
सब यहीं छूट जाएगा ।
हम खाली हाथ आए थे,
संग कुछ न जा पाएगा ।।

मानव तन मिट्टी का है,
कब कहाँ गल जाए ।
अपने अच्छे कर्मो से,
थोड़ा हम सम्मान पाए ।।

छल, कपट और झूठ,
यदि इनको सँग लाए ।
सुख, सुकून और शांति,
फिर पास कभी न आए ।।

हर श्वास पर है संकट,
धूल धुँआ खूब मंडराता ।
जल पवन और अग्नि,
जीवन मृत्यु के है दाता ।।

अपने सब कर्म ऐसे हो,
किसी को दुःख न पहुँचे ।
हँसते हँसाते हम जिए,
बनकर नेक और सच्चे ।।

Language: Hindi
414 Views
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