*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
उस दिन पर लानत भेजता हूं,
You are the sanctuary of my soul.
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
क्या करते हो?
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
💐प्रेम कौतुक-404💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया