कलमबाज
कलमबाज की ताकत इतनी
जानी परखी न जाएगी
कलमबाज की सुंदरता इतनी
देखी परखी न जायेगी
कलमबाज की कलम होती बड़ी महान है
सोए को जगा देती
जागे को सुला देती है
जनसंचार का काम भी करती है
मनुष्य को मनुष्यता का पाठ भी पड़ती है
कलमबाज की कलम से प्रकृति की रचना होती है
कलमबाज की कलम से संसार की सुंदरता बढ़ती है
एक कलमबाज एक कवि है, एक लेखक है
वो एक रचनाकार है जो संसार को लिखता है
वो रचता है दुनिया जहान को
इसकी कलम में शक्ति इतनी है
जो सरकार को भी गिरा देती है
अगर चाहे वो कुछ करना
धरती को भी हिला देती है
पाप का मूल यही और पापी का सर्वनाश यही
गिरकर उठना और उठकर गिरना
चक्र यही इसका हर और चलता है