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20 Jun 2019 · 1 min read

कर दो यह ऐलान

बचपन से जो देशभक्ति के गीत सुनाये जाते हैं,
वतन की रक्षा करने वाले धन्य कहाये जाते हैं।
आज मगर कुछ गद्दारों ने उन पर प्रश्न उठाये हैं,
देश धर्म की रक्षा में जिन अपने प्राण गंवाए हैं।

है उनको धिक्कार गीत जो देशद्रोह का गाते हैं,
भारत के जिस विद्यालय में विषधर पाले जाते हैं।
लोकतंत्र के हत्यारे बदनीयत दिल के काले हैं,
अपनी माँ का चीर हरण जो खुद ही करने वाले हैं।

वर्षों से जो वतन लूटते राजनीति के प्यादे हैं,
कर्कश स्वर से मन को विचलित करते जो नक्कारे हैं।
चीर फाड़ दो भारत से जो नमक हरामी करते हैं,
दुश्मन के आँगन में जिनके नाम से दीपक जलते हैं।

उनको कर दो दफन शब्द जो देशद्रोह का बोले हैं,
पापी पाक समर्थन में जो केवल ज़हर उगलते हैं।
सैक्यूलर के नाम से जो हिंदुत्व कुचलने वाले हैं,
आस्तीन में सरकारों ने जितने अजगर पाले हैं।

शंखनाद हो हिन्दुवाद का अगर देश के लाले हैं,
उन्हें दबा दो देश धर्म जो दूषित करने वाले हैं।
राजनीति के दंगल में इतिहास बदलने वाले हैं,
कर दो यह ऐलान देश को निर्मल करने वाले हैं।

Language: Hindi
1 Like · 418 Views
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