कर्म ही पूजा है ।
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
ये कर्मभूमि है यहाँ कर्म ही पूजा है।।
यहाँ हर कई अपना है।
ना कोई पराया है ना कई दुजा है ।
राधे राधे
-दिवाकर महतो
बुण्डू, राँची, (झारखण्ड )
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
ये कर्मभूमि है यहाँ कर्म ही पूजा है।।
यहाँ हर कई अपना है।
ना कोई पराया है ना कई दुजा है ।
राधे राधे
-दिवाकर महतो
बुण्डू, राँची, (झारखण्ड )