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9 Jan 2024 · 1 min read

क्षणिका

क्षणिका

कब टूटा है
आसमान से चाँद
टूटते तो
तारे हैं
अतृप्त अभिलाषाओं के
दिल के
आसमान से

सुशील सरना /9-1-24

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