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11 Aug 2022 · 1 min read

बगीचे में फूलों को

किसी बगिचे में हम फूलों को
खिलते हुए छोड़कर आए है
आज फिर भरी महफिल में हम
काँच के गिलास को तोड़कर आए है
पूछा गया मुझसे कि ठोकरें लगने के बाद भी
तुम्हारी आंखों से आसू क्यों नहीं आए है
हमने कहा जनाब इन आंसुओ को तो हम
पहले ही आग में निचोड़ कर आए है
मनोज तानाण
(Manoj Tanan)

2 Likes · 1 Comment · 355 Views

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