Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2022 · 1 min read

करनी होगी जंग

दहशत भरकर दुनिया में जो,

करते हैं जीवन बेरंग।

करनी होगी उनसे जंग।

डाल गले में पट्टा घूमें,

लगता जैसे धर्म अफीम।

गर्हित सोच बवंडर लाती,

घूमें बच्चे बने यतीम।

जो मजहब की पगड़ी बाँधे,

चले न कोई उनके संग।

वहशी लोगों के प्रति जिनके

उमड़ रहा है दिल में प्यार,

ऐसे लोगों को नरता का,

माना जाता है गद्दार।

मिलकर उन्हें सिखाना होगा

दुनिया में रहने का ढंग।

कोई गद्दी बचा रहा है,

पाना चाहे कोई ताज।

बस धरती के भूखे हैं सब,

करे न कोई दिल पर राज।

रास जिन्हें आता जीने का,

खास नज़रिया अपना तंग।

करनी होगी उनसे जंग।।

डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
कवि रमेशराज
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
3689.💐 *पूर्णिका* 💐
3689.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
nhacai king88
रिश्ते समय रहते बचाएं
रिश्ते समय रहते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
Mahima shukla
विजय द्वार (कविता)
विजय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr .Shweta sood 'Madhu'
वाह मोदीजी...
वाह मोदीजी...
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
*चंदा दल को दीजिए, काला धन साभार (व्यंग्य कुंडलिया)*
*चंदा दल को दीजिए, काला धन साभार (व्यंग्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" अंदाजा "
Dr. Kishan tandon kranti
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
त्यौहार
त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
हुईं क्रांति
हुईं क्रांति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
*प्रणय*
राज़ हैं
राज़ हैं
surenderpal vaidya
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुछ और शेर
कुछ और शेर
Shashi Mahajan
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
Akash Yadav
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...