कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
गज़ल
2122…….2122……2122……212
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
पर किसी की आंख में आंसू न लाना दोस्तो!
जिंदगी तो इस जहाँ में आपकी कट जायेगी!
पर खुदा को उस जहाँ में मुॅंह दिखाना दोस्तो!
गीत गज़लों से किसी के गम बटाऊं मैं अगर,
राग कोई भी खुशी का तुम बजाना दोस्तों!
देश अपना है बहुत खाने कमाने के लिए,
छोड़ कर माँ बाप को मत दूर जाना दोस्तो!
फिर न प्रेमी मिल सके इस जिंदगी की भीड़ में,
याद करना याद आना मुस्कुराना दोस्तो!
…….. ✍ सत्य कुमार प्रेमी