“कभी-कभी”
“कभी-कभी”
कभी कभी अच्छा लगता है
सुन्दर सपने बुनना
लेकिन बिल्कुल चुप रहना,
हसीं ख्वाबों में खोना
लेकिन मन ही मन मुस्काना।
“कभी-कभी”
कभी कभी अच्छा लगता है
सुन्दर सपने बुनना
लेकिन बिल्कुल चुप रहना,
हसीं ख्वाबों में खोना
लेकिन मन ही मन मुस्काना।