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13 Jan 2024 · 1 min read

“कभी-कभी”

“कभी-कभी”
कभी-कभी याद आती है
उन लोगों की,
जो समानान्तर रेखाओं की तरह
साथ तो चल सकते हैं
लेकिन मिल नहीं सकते कभी।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

11 Likes · 6 Comments · 171 Views
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