कभी- कभी
हमारे घर की,
एक प्यारी सी बिल्ली,
हम सबको ,
बहुत भाती है,
जब भी रसोई में,
आती है,
पहले,बार बार,
मै आऊ, आऊ, मैं आऊ,
कहकर अपनी ,
मनुहार खुद ही ,
करती जाती है ,
फिर,कमर और,
पूंछ हिलाती है ।
जब ,हमारी मुस्कान,
देखती है,तो,
चट से आ जाती है।
फिर,
पूरे हक से,
चपर- चपर
दूध मलाई खाती है ।
कमाल है,
हमारी बिल्ली ने,
नैतिक शिक्षा, का,
यह पाठ कहाँ सीखा,
यह सोच कर,
हैरत बढती जाती है ।