Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2023 · 1 min read

“कब तक छुपाहूँ”

“कब तक छुपाहूँ”
मेहा अपन किरदार ल,
कब तक छुपाहूँ।
मोर कहानी अइसे हे के,
जम्मो ल नजर आहूँ।

– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड में दर्ज

7 Likes · 5 Comments · 233 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

एक गरीब माँ की आँखों में तपती भूख,
एक गरीब माँ की आँखों में तपती भूख,
Kanchan Alok Malu
3. Cupid-Struck
3. Cupid-Struck
Ahtesham Ahmad
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
Manisha Manjari
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
सवाल और जिंदगी
सवाल और जिंदगी
पूर्वार्थ
चाय
चाय
Rambali Mishra
- बंदिश ए जिन्दगी -
- बंदिश ए जिन्दगी -
bharat gehlot
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
मासी की बेटियां
मासी की बेटियां
Adha Deshwal
"प्रकृति-विकृति-संस्कृति"
Dr. Kishan tandon kranti
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
Shyam Sundar Subramanian
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
Shweta Soni
!! चहक़ सको तो !!
!! चहक़ सको तो !!
Chunnu Lal Gupta
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
4369.*पूर्णिका*
4369.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खेल नहीं
खेल नहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
..
..
*प्रणय*
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
Love ❤
Love ❤
HEBA
मोर
मोर
विजय कुमार नामदेव
कण कण में राम
कण कण में राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
Bidyadhar Mantry
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
” ये आसमां बुलाती है “
” ये आसमां बुलाती है “
ज्योति
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
জয় হনুমান জয় হনুমান
জয় হনুমান জয় হনুমান
Arghyadeep Chakraborty
हो जायेंगे शीघ्र ही, पन्ने सभी खराब.
हो जायेंगे शीघ्र ही, पन्ने सभी खराब.
RAMESH SHARMA
Loading...