कब तक चुप रहेगें
उरी आर्मी बेस हमले पर
कब तक चुप रहोगे
कितना गम खाओगें
जाँबाज हमारे मरते है
दिल्ली चुप ही रहता है
कभी समुद्री राह टेरते
कभी सरे आम सिर काटते
दिल्ली कुछ नहीं करती
बस हमलों की निन्दा होती
डरपोक कायर है कितने
झेलम की राह घुस आते है
वार सोतों हुए पर करते है
चार के बदले सत्रह मारते है
हम फिर भी चुप क्यों रहेंगें
मुँह तोड़ जबाब क्यों न देगें
दिल्ली कितने घावों को सहेंगी
क्यों न पलट जबाब देंगी
~~डॉ मधु त्रिवेदी ~~