“कदर”
“कदर”
तेरी तारीफ बयां जब हो जाएगी,
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।
जज्बातों को गर अल्फाजों में ढालूँ,
समन्दर की लहरें भी कम पड़ जाएगी।
“कदर”
तेरी तारीफ बयां जब हो जाएगी,
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।
जज्बातों को गर अल्फाजों में ढालूँ,
समन्दर की लहरें भी कम पड़ जाएगी।