“कथरी”
“कथरी”
चाहे कोई कमजोर कह ले
या फिर शक्तिशाली,
संस्कारों में रच-बस गई ऐसी
वो खत्म न होने वाली।
हर हाल में कथरी
ठण्ड से जंग लड़ती है,
लेकिन कभी भी वो
उफ्फ तक नहीं कहती है।
“कथरी”
चाहे कोई कमजोर कह ले
या फिर शक्तिशाली,
संस्कारों में रच-बस गई ऐसी
वो खत्म न होने वाली।
हर हाल में कथरी
ठण्ड से जंग लड़ती है,
लेकिन कभी भी वो
उफ्फ तक नहीं कहती है।