“कथरी”
“कथरी”
एक पूरा अजायब घर
माँ की साड़ियाँ
पिता की लुंगी
दादा की धोतियाँ
भैया के तौलिए,
बस चुप कर भाई
आगे कुछ मत बोलिए।
“कथरी”
एक पूरा अजायब घर
माँ की साड़ियाँ
पिता की लुंगी
दादा की धोतियाँ
भैया के तौलिए,
बस चुप कर भाई
आगे कुछ मत बोलिए।