Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

ओ! महानगर

महानगर की ,
ऊंघती हुई बालकनी
कानों मे लगे इयरफोन
दूर उड़ती तितलियां
उमड़ते हुए बादल
जगमगाता सूरज
सडक पर दौड़ते
चौपहिया
दुपहिया वाहन
कितने तरह का,
सड़क पर शोर।
हाइवे की चौडाई
स्तबध करने वाली
मीठे रिश्तों की
कोई क्यारी नहीं
पगडंडी नहीं।
आदमियों का नहीं,
कोई आपसी संवाद ।
डब्बेनुमा
सजे- धजे हुए फ्लैटों में।
खा जाने वाला जहरीला एकांत।

डा. पूनम पांडे

Language: Hindi
2 Likes · 106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Punam Pande
View all
You may also like:
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
स्वयं को स्वयं पर
स्वयं को स्वयं पर
Dr fauzia Naseem shad
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैंने खुद की सोच में
मैंने खुद की सोच में
Vaishaligoel
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
शीर्षक – मन मस्तिष्क का द्वंद
शीर्षक – मन मस्तिष्क का द्वंद
Sonam Puneet Dubey
" जमाना "
Dr. Kishan tandon kranti
स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के
स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
कमाल लोग होते हैं वो
कमाल लोग होते हैं वो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहन का हिस्सा..
जहन का हिस्सा..
शिवम "सहज"
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
गुरु चरणों की धूल
गुरु चरणों की धूल
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बहुत खुश हुआ कुछ दिनों के बाद
बहुत खुश हुआ कुछ दिनों के बाद
Rituraj shivem verma
#आह्वान
#आह्वान
*प्रणय*
✍️ शेखर सिंह
✍️ शेखर सिंह
शेखर सिंह
*******अधूरे अरमान*******
*******अधूरे अरमान*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये सच है कि सबसे पहले लोग
ये सच है कि सबसे पहले लोग
Ajit Kumar "Karn"
कुछ लोग
कुछ लोग
Shweta Soni
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
"इंसान की फितरत"
Yogendra Chaturwedi
Loading...