ओबीसी साहित्य
है सूत न कपास
मगर लट्ठम लट्ठा
और
चोट लगे पहाड़ से
फोड़े घर की सिलौट को
इल्जाम पिछड़े लट्ठभांजों का
कि सवर्ण साहित्य और दलित साहित्य
दोनों ने ही
ओबीसी साहित्य का हक़ हिस्सा
हड़प रखा है
जाने रक्खो
पहाड़ बराबर दबंग सवर्ण साहित्य
और सिलौट माफिक दलित साहित्य
दलित साहित्य डाही पिछड़े बौद्धिको
निशाना सही जगह तो लगाओ!