“ऐ मेरे बचपन तू सुन”
“ऐ मेरे बचपन तू सुन”
रिश्तों में है पसरी चालाकी
बात-बात में चतुराई है,
संयुक्त परिवार के वट-वृक्ष से
टूटी पीढ़ी मुरझाई है।
ऐ मेरे बचपन तू सुन
याद तेरी आज आई है,
दादी-नानी की कहानियाँ
वेब सीरीज में जगह बनाई है।
“ऐ मेरे बचपन तू सुन”
रिश्तों में है पसरी चालाकी
बात-बात में चतुराई है,
संयुक्त परिवार के वट-वृक्ष से
टूटी पीढ़ी मुरझाई है।
ऐ मेरे बचपन तू सुन
याद तेरी आज आई है,
दादी-नानी की कहानियाँ
वेब सीरीज में जगह बनाई है।