“ऐ चाँद !ना हँस मेरी तन्हाई पर “
ऐ चाँद ! ना हँस मेरी तन्हाई पर ,
तू भी अकेला है मेरी तरह |
तेरी रोशनी भी उधार की है ,
मेरी गुमसुम हँसी की तरह ||
ऐ चाँद! ना रूठ मेरे शब्दों से,
तू भी उदास है मेरी तरह |
चल रहा है अथक तू भी,
मेरी थकान भी तेरी तरह ||
ऐ चाँद ! ना रो मेरे दर्द पर ,
तू भी तड़प रहा मेरी तरह |
मत बहा आँसू तन्हाई के,
हँस ले तू भी मेरी तरह ||
ऐ चाँद !ना हँस मेरी तन्हाई पर |
ऐ चाँद !ना हँस मेरी तन्हाई पर ||
…निधि…