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17 Dec 2020 · 1 min read

ऐ कोरोना,अब तेरी बारी है ।

ए कोरोना ,अब तेरी बारी है ।

जन-जन को त्रस्त कर ने
भेष बदल कर आई हो
राक्षसी रूप धर ए मूर्ख
हम को डराने आई हो ,
हौसले हैं मेरे बुलंद ,
तू डिगा न पाएगी ,
तुझे परास्त होना ही होगा ,
क्योंकि मेरा प्रयास जारी है ।।
यह कोरोना अब तेरी बारी है।।

खिलेगी धूप अवसाद का कोहरा छँटेगा ,
खौफ का मंजर अब यूं ही ना रहेगा ,
मन का तम मिटा दीप यूं ही जलेगा,
हमारे आत्मविश्वास को डिगा ना पाएगी ,
काबू पाकर तुझ पर धरा जगमगाएँगी ,
अखंड भारत के विश्वास को तू हरा न पाएंगी,
तुझे परास्त होना ही होगा ,
क्योंकि मेरा प्रयास जारी है ।।
ए कोरोना ,अब तेरी बारी है ।।

पूनम शुक्ला
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षिका
केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 332 Views
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