ऐसी भी क्या बेरुखी जनाब !….
कुछ लोग जमाने में खंजर से मारते है ,
और कुछ हुस्न और कातिल अदाओं से मारते है ।
मगर कुछ लोगों में नहीं होती कोई जिंदादिली ,
ऐसे लोग अपनी बेरुखी से मारते है ।
कुछ लोग जमाने में खंजर से मारते है ,
और कुछ हुस्न और कातिल अदाओं से मारते है ।
मगर कुछ लोगों में नहीं होती कोई जिंदादिली ,
ऐसे लोग अपनी बेरुखी से मारते है ।