Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

एक शिकायत

वो कहता है
होती है अजर-अमर आत्मा,
ऊर्जा से बना ठोस पुतला
ढल जाता है ऊर्जा ही में।
फिर क्यों…
भावनाओं की ऊर्जा को
बांध दिया उसने
ठोस शरीर के बंधन में?
बहने देता वो
प्रेम की ऊर्जा को
आत्मा की ऊर्जा के साथ।
… काश!!
हो पाता ऐसा कुछ
सुख-दुःख बनते साथी
तरंगो के…
मस्तिष्क से दूरी बना
मन को छुए बिना
पहुँच जाते
आत्मा तक….
मिल जाती ऊर्जा से ऊर्जा
खत्म हो जाता शोक।

Language: Hindi
60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
शेखर सिंह
लक्ष्य है जो बनाया तूने, उसकी ओर बढ़े चल।
लक्ष्य है जो बनाया तूने, उसकी ओर बढ़े चल।
पूर्वार्थ
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
Shweta Soni
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
sushil sarna
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
🙅in world🙅
🙅in world🙅
*प्रणय प्रभात*
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
एक वृक्ष जिसे काट दो
एक वृक्ष जिसे काट दो
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इश्क़ की बात ना कर
इश्क़ की बात ना कर
Atul "Krishn"
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*महाकाल के फरसे से मैं, घायल हूॅं पर मरा नहीं (हिंदी गजल)*
*महाकाल के फरसे से मैं, घायल हूॅं पर मरा नहीं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
राह इनको दिखाने वाले
राह इनको दिखाने वाले
gurudeenverma198
2869.*पूर्णिका*
2869.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
World Book Day
World Book Day
Tushar Jagawat
ज़माने में
ज़माने में
surenderpal vaidya
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
नेता पक रहा है
नेता पक रहा है
Sanjay ' शून्य'
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...