Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2020 · 1 min read

एक राहगीर लड़की का दर्द

हां मैं चलती हूं किनारे किनारे, हां मैं चलती हूं किनारे किनारे
मनचले भेड़ियों की नजरें बचाकर, सज्जनता के सहारे
हां मैं चलती हूं किनारे किनारे
इन भेड़ियों की नजरों से, बचना कठिन है
कोई जगह अछूती नहीं, जहां न इनका हक है
कहीं यह मिलेंगे हीरो लिबास में, तो कहीं यह मिलेंगे शरीफ जादों के भेष में
गलियां गलियां रे हों, रस्ते चौबारे पर्यटन स्थल या पाक के नजारे हों,
बगिया पुलिया चौराहों के किनारे, हों बसें ट्रेन या की हो प्लेन, मिलेंगे हर जगह विलेन
हाट हो बाजार हो, चाहे तेल की कतार हो
धार्मिक कोई जलसा हो, फिर बसंत सी बहार है
मेला हो ठेला हो ,कोई मौसम अलबेला हो
मंगल कलश या मौत का झमेला हो
लेकिन यह भेड़िए चूकते नहीं है
सुनती चलती हूं इनकी अश्लील फब्तियां
और यह सोचती हूं, शायद इन बेड़ियों की मां बहने नहीं है
तभी है इनमें उन्माद ,बोलने का अश्लील संवाद
यही सोच कर छुपा दामन दुपट्टे में
चली चलती हूं किनारे किनारे हां मैं चलती हूं किनारे किनारे

Language: Hindi
11 Likes · 4 Comments · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
*
*"ममता"* पार्ट-5
Radhakishan R. Mundhra
उम्र थका नही सकती,
उम्र थका नही सकती,
Yogendra Chaturwedi
दर्दे दिल…….!
दर्दे दिल…….!
Awadhesh Kumar Singh
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
फूल ही फूल
फूल ही फूल
shabina. Naaz
नेमत, इबादत, मोहब्बत बेशुमार दे चुके हैं
नेमत, इबादत, मोहब्बत बेशुमार दे चुके हैं
हरवंश हृदय
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
2833. *पूर्णिका*
2833. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
"बहुत से लोग
*Author प्रणय प्रभात*
काव्य में सहृदयता
काव्य में सहृदयता
कवि रमेशराज
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
'अशांत' शेखर
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
gurudeenverma198
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
Meditation
Meditation
Ravikesh Jha
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
'सवालात' ग़ज़ल
'सवालात' ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
अदब
अदब
Dr Parveen Thakur
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
Vishal babu (vishu)
योग हमारी सभ्यता, है उपलब्धि महान
योग हमारी सभ्यता, है उपलब्धि महान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...