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26 Jul 2020 · 1 min read

एक बगीचा

आसमान सा बड़ा बगीचा
मैं भी एक लगाऊँगा
सूरज होंगे तीन चार
पर चन्दा सात उगाऊँगा।।

नीले पीले और गुलाबी
हर रंग के तारे होंगे
लाल लाल फल लटकेंगे
और हरे हरे पत्ते होंगे।।

सूरज को छुट्टी दे दूँगा
मई जून के माह में
चमकेंगे चन्दा मामा बस
दिन में भी और रात में।।

कुछ तारों को रंग-बिरंगी
लड़ियोँ में लगवाऊँगा
अन्धेरा सरपट भागेगा
दीवाली सा सजाऊँगा ।।

सर्दी में सूरज दादा की
दो-दो शिफ्ट लगाऊँगा
ऊनी कपड़े पहनाकर मैं
कॉफ़ी चाय पिलाऊँगा ।।

गमलों में बिस्किट की बेलें
झाड़ चिप्स के वो दूँगा
चॉकलेट के कुछ पौधे भी
आस-पास लगवा दूँगा।।

प्यारा ऐसा एक बगीचा
बहुत बड़े घर में होगा
परियाँ मेरे संग खेलेंगीं
चिड़ियोँ का कलरव होगा।।

– डा. यशवन्त सिंह राठौड़ ?

9 Likes · 15 Comments · 535 Views
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