Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

एक पल को न सुकून है दिल को।

मिलाकर नज़रें कमाल कर गए हो।
क्या बताएं तुम मेरा कैसा हाल कर गए हो।।

एक पल को न सुकून है दिल को।
मेरे अन्दर तुम अपना यूं ख्याल भर गए हो।।

तसवुर्र में बस तुम्हारा ही ज़िक्र है।
न जानें आंखें से तुम कैसी बात कर गए हो।।

तुम्हें देखता हूं तो ऐसा लगता है।
तुम मेरी हर शब का एक चांद बन गए हो।।

पतझड़ में तुम बहार से लगते हो।
सेहरा में तुम आब का आसमान बन गए हो।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
वाणी से उबल रहा पाणि
वाणी से उबल रहा पाणि
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
"दुनिया को पहचानो"
Dr. Kishan tandon kranti
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
शेखर सिंह
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
अध्यात्म
अध्यात्म
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सोच~
सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
अंतर्मन
अंतर्मन
Dr. Mahesh Kumawat
3217.*पूर्णिका*
3217.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
वक्त
वक्त
Madhavi Srivastava
गजल सी रचना
गजल सी रचना
Kanchan Khanna
उलझनें रूकती नहीं,
उलझनें रूकती नहीं,
Sunil Maheshwari
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
हम तुम और वक़्त जब तीनों क़िस्मत से मिल गए
हम तुम और वक़्त जब तीनों क़िस्मत से मिल गए
shabina. Naaz
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
पूर्वार्थ
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
प्रेमदास वसु सुरेखा
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
*प्रणय प्रभात*
Loading...