छह दोहे
छह दोहे
1
सुंदर राम चरित्र का, प्रतिदिन पावन पाठ ।
नवनिधियॉं इससे मिलें, मिलें सिद्धियॉं आठ।।
2
कल कल करते छल रहे, जीवन के दिन-रात
कल पर कभी न टालिये, राम नाम-सौगात
3
प्रभु जी ऐसी दें कलम, रहे सदा निष्काम
राग-द्वेष से हों रहित, बसें हृदय में राम
4
कल का क्या किसको पता, कल की जानें राम।
जब तक तन में श्वास है, जिह्वा भज हरि नाम।।
5
रहो जगत में पर न हो, तुम में जग का वास
भीतर से खाली रहो, रहे शून्य आभास
6
काम कर रहे देह के, जब तक सारे अंग
जब तक सुंदर स्वास्थ्य है, तब तक ही सत्संग
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451