एक दिन एक बेचैन आदमी
एक दिन एक बेचैन आदमी
मंदिर मेरे आया
सोने को ही था मैं
उसने घंटे पर हाथ जमाया
बोला भगवन बढ़ा दुखी हूं
नींद नहीं आती है
ब्लड प्रेशर शुगर और
जाने क्या क्या बीमारी है
मुझको दो इनसे छुटकारा
सुख शांति धन वैभव दो
आया हूं मैं द्वार तुम्हारे
मेरी भी झोली भर दो
मैंने उस व्यक्ति को बोला
छुपा हुआ मंतव्य टटोला
छोड़ दो तुम बीमार यह काया
चिर विश्रांति पाओ
धन वैभव सुख शांति मिलेगी
सीधे स्वर्ग को आ जाओ
उल्टे पैरों भाग गया वह
ना उसने पूरी बात सुनी
उड़ा गया वह नींद भी मेरी
मुझको भी आ गई हंसी