Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2023 · 1 min read

“एक था कर्पूरी”

आज जब करोड़ों रुपये के घोटाले आए दिन नेताओं के नाम पर अखबार की सुर्खियों में छाए रहते हैं तो विश्वास नहीं होता कि भारत भूमि में कर्पूरी ठाकुर जैसे महान आदर्शवादी, ईमानदार और जुझारू नेता भी हुए हैं। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में सुनने को मिल जाते हैं।

राजनीति का एक लम्बा सफर बिताने के बाद जब फरवरी 1988 में उनका देहावसान हुआ तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम पर नहीं था और ना ही कहीं इंच भर जमीन।

सच में ऐसे कोहिनूर कभी मरा नहीं करते। वे काल को जीत लेते हैं। भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी, जागरूक शिक्षक, कुशल राजनीतिज्ञ और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को शत शत नमन्…।

-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य और लेखन के क्षेत्र में
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।
( ग्राम्य-पथ : कहानी-संग्रह से…)

Language: Hindi
13 Likes · 9 Comments · 184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
पूर्वार्थ
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
"प्यार की अनुभूति" (Experience of Love):
Dhananjay Kumar
बयार
बयार
Sanjay ' शून्य'
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
Neelofar Khan
दिल कि गली
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
मनुष्यता कोमा में
मनुष्यता कोमा में
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वीर गाथा है वीरों की ✍️
वीर गाथा है वीरों की ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
4233.💐 *पूर्णिका* 💐
4233.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
लाचार द्रौपदी
लाचार द्रौपदी
आशा शैली
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
तुम शब्द मैं अर्थ बनूँ
तुम शब्द मैं अर्थ बनूँ
Saraswati Bajpai
सुख दुख के साथी
सुख दुख के साथी
Annu Gurjar
रूहें और इबादतगाहें!
रूहें और इबादतगाहें!
Pradeep Shoree
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
आर.एस. 'प्रीतम'
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
पियूष राज 'पारस'
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
Tushar Jagawat
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
Dhirendra Singh
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🙅अक़्लमंद🙅
🙅अक़्लमंद🙅
*प्रणय*
खुशी ( मुक्तक )
खुशी ( मुक्तक )
Ravi Prakash
गुंजती है आवाज़
गुंजती है आवाज़
Radha Bablu mishra
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...