एक जीवंत आवाज…
वह गाना
वहां कोई सुनने वाला नहीं है
द रीज़न
कंपकंपाती ठंड में
जितना हो सके जोर से
वह गा रही है
वह काला मेंढक
उस गाने में कोई खूबसूरती नहीं है
लेकिन…
वहाँ जीवन और साँस है
यह वह सांस है
प्रकृति की ठंडक के लिए
एक विरोधी आवाज के रूप में
प्रकृति के विरुद्ध
खड़े होने और जीने के लिए संघर्ष करें…
एक सामान्य जीव
एक आवाज बन गयी
– ओत्तेरी सेल्वा कुमार