एक चाय उनके साथ
बार बार मुस्कराते हुए
कागज पर कुछ लिख कर
खुद ही उसे वो
मिटा रहे थे ।
कुछ ही दिनो मे
बिछड़ जायेंगे हम
आंखों से हमे वो
समझा रहे थे ।
खत्म न हो जाये
चाय का प्याला
धीरे-धीरे हलक से वो
उतार रहे थे ।
चाय के हर इक सिप को
यादों की माला मे
प्यार के धागे से
पिरो रहे थे ।।
राज विग 15.02.2020.