एक कुंडलिया
एक कुंडलिया
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मनभावन पावन लगा ,मुझे नवरात्रि पर्व ।
करते आएं हैं सदा ,हम सब इस पर गर्व ।।
हम सब इस पर गर्व ,चेतना नयी जगाएं ।
रख कर नौ उपवास ,मातु को शीश झुकाएं ।।
कहें शमा परवीन ,करें माँ का आवाह्न ।
मिले प्रेम आशीष ,लगे सब कुछ
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश