Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2023 · 1 min read

एक अबोध बालक

एक अबोध बालक
तमन्नाओं को मेरी परवाज़ देना जरूरी नहीं है
मैं मुक़म्मल हो जाऊँगा जो तुम साथ हो मिरे ।
एहसास के कहाँ होते हैं हस्ताक्षर किसी के मयार पर
बस इतना ही काफ़ी नहीं के मैं बुलाऊँ और तू आये ।

290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
किस बात का गुमान है यारो
किस बात का गुमान है यारो
Anil Mishra Prahari
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
Shashi kala vyas
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ये कैसे आदमी है
ये कैसे आदमी है
gurudeenverma198
■ जवाब दें ठेकेदार...!!
■ जवाब दें ठेकेदार...!!
*Author प्रणय प्रभात*
कानून?
कानून?
nagarsumit326
ओ जानें ज़ाना !
ओ जानें ज़ाना !
The_dk_poetry
शिकवा ,गिला
शिकवा ,गिला
Dr fauzia Naseem shad
पराये सपने!
पराये सपने!
Saransh Singh 'Priyam'
पिता
पिता
Buddha Prakash
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
लोकतंत्र का खेल
लोकतंत्र का खेल
Anil chobisa
बहू-बेटी
बहू-बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Mera wajud bus itna hai ,
Mera wajud bus itna hai ,
Sakshi Tripathi
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
डाइन
डाइन
अवध किशोर 'अवधू'
श्री राम
श्री राम
Kavita Chouhan
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ब्याह  रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
ब्याह रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
Dr Archana Gupta
"अखाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
Vishal babu (vishu)
जननी
जननी
Mamta Rani
कैसा नया साल?
कैसा नया साल?
Shekhar Chandra Mitra
जी लगाकर ही सदा,
जी लगाकर ही सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जग मग दीप  जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सीने में जलन
सीने में जलन
Surinder blackpen
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
Loading...